Monday, May 31, 2010

मौत के चुनिन्दा शेर

मौत का एक दिन मुकरर है
नींद क्यों रात भर नहीं आती

पल भर की खबर नहीं
सामान उम्र भर का


अब तो घबरा के कहते हैं कि मर जायेंगे
मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे