Monday, February 14, 2011

टैरेस गार्डन: इस शौक का अंदाजे बयां और
सुबोध भारतीय
First Published:14-02-11 02:01 PM
Last Updated:14-02-11 02:04 PM
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अपने घर की बालकनी में बैठकर चाय पीने का मजा ही कुछ और होता है। और अगर ऐसे में आपकी छत या बालकनी पर टैरेस गार्डन बना हो तो उन चुस्कियों का मजा ही दूना हो जाएगा। तो क्यों न हम अपनी छत या बालकनी पर एक ऐसा टैरेस गार्डन बनाएं, जिससे हम चाय की चुस्कियों के साथ-साथ प्रकृति का भी आनन्द ले सकें। बस जरूरत है अपनी कल्पना शक्ति की। वैसे भी अगर आप हरियाली से दूर हैं तो अपनी छत या बालकनी को टैरेस गार्डन का रूप दे सकते हैं। कैसे, आइये एक नजर डालते हैं

टैरेस गार्डन यानी छत पर हरियाली। टैरेस गार्डन बनाने के लिए छत पर घास उगाना जरूरी नहीं। छत के फर्श की अच्छी वॉटर प्रूफिंग करवाने के बाद किसी भी आकार की छत या उसके हिस्से को आसानी से टैरेस गार्डन का रूप दिया जा सकता है। यदि आपकी बालकनी चार-पांच सौ वर्ग फुट की है तो उसे भी टैरेस गार्डन के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।

आसान तरीका

छत पर गार्डन बनाने के लिए आप छत के चारों ओर पैरागोल बनवाएं। इसमें एक स्टील का ढांचा होता है, जिसमें लटकने वाले गमले लटका दिये जाते हैं। यह गमले बास्केट टाइप के होते हैं। इन बास्केट्स में जेड, बटन कैक्टस के अलावा अन्य लटकने वाले पौधे भी उगाए जाते हैं। इससे छत के चारों ओर हरियाली हो जाएगी। पैरागोल के ऊपर हरे रंग का प्लास्टिक का मेश (जाली) बिछाने से ग्रीन हाउस तैयार हो जाएगा। नीचे फर्श पर इनडोर प्लांट्स के गमले लगाने चाहिए। इनमें कछुए, मेंढक, हाथी आदि के आकार के मिट्टी के गमले लगा देने से सुंदरता बढ़ जाएगी। दीवार पर कुछ रॉट आयरन के स्टैण्ड्स व हुक भी लगाए जा सकते हैं, जिनमें छोटे-छोटे गमले लटकाए जा सकते हैं।

फर्श पर सेरेमिक, ग्रेनाइट्स व गजीबो लगा कर बेहतरीन लुक दिया जा सकता है। जिन लोगों को लैंड- स्केपिंग अच्छी लगती है और कृत्रिम झरने आदि लगाना चाहते हैं, वह एक अच्छे लैंडस्केपिंग आर्किटेक्स से यह कार्य करवा सकते हैं। इसमें फाउंटेन और मूर्तियों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

स्थायी रूप

स्थायी रूप से टैरेस गार्डन बनाने की प्लानिंग आपको घर के निर्माण के साथ ही करनी होगी, क्योंकि इसकी छत जिस पर गार्डन का आधार बनाया जाएगा, बहुत मजबूत और इस योग्य होनी चाहिए कि वह लोड ले सके। पानी की निकासी के लिए ढलान भी होनी आवश्यक है। स्थायी टैरेस गार्डन में फर्श पर घास भी उगाई जा सकती है। प्रसिद्ध लैंडस्केपिंग आर्किटेक्ट दिनेश भारद्वाज के अनुसार, स्थाई टैरेस गार्डन बनाते समय सबसे जरूरी वॉटर प्रूफिंग है। टैरेस गार्डन के फर्श की सात लेयर वॉटरप्रूफिंग टीटमेंट होती है। वॉटर प्रूफिंग वाली छत के निर्माण के दौरान ही वॉटर ड्रेनेज सिस्टम बना लिया जाता है, जिससे कभी भी फर्श में पानी न रुके।

एक बार वॉटर प्रूफिंग होने के बाद आप उस पर मिट्टी डाल कर घास उगा सकते हैं और छोटे-छोटे पौधे भी। कुछ लोग बोन्साई पेड़ भी उगाते हैं, जिन्हें कई वास्तुशास्त्री उचित नहीं मानते। जापानी व चाइना शैली में टपोरी प्लांट भी उगाए जा सकते हैं। हरा बांस, डांसिंग और गोल्डन बैम्बू व फाइकस टैरेस गार्डन में अक्सर लगाए जाते हैं।

आपके टैरेस गार्डन में हरियाली तो छा गई, मगर बहार आएगी फूलों के रंगों से। गेंदा, गुलाब, गुलदाऊदी आदि फूलों की रंगीन छटा गार्डन की सुन्दरता कई गुना बढ़ा देगी। इसी प्रकार चम्पा, चमेली, जूही और मौलसिरी की लताएं टैरेस गार्डन को सम्पूर्णता प्रदान करती हैं।

लाइटिंग

टैरेस गार्डन में लाइटिंग का भी बहुत बड़ा योगदान है। शाम के धुंधलके के साथ जब रात जवान होती है तो रोशनी का खूबसूरत संयोजन माहौल को और भी खुशनुमा बना देता है। प्लास्टिक, वुड और रॉट आयरन का गार्डन फर्नीचर टैरेस गार्डन का अभिन्न अंग है। इसका चयन अपनी अभिरुचि के अनुसार करें। पीने-पिलाने के शौकीन अपना एक छोटा सा बार भी यहीं बना सकते हैं।

आपका टैरेस गार्डन कितना सुंदर है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपके मेहमान आपके ड्राइंग रूम में बैठना पसंद करते हैं अथवा आपके टैरेस गार्डन में बैठने का हठ करते हैं। वैसे कभी-कभार बिन बुलाए मेहमानों जैसे तोता, मोर आदि का आगमन भी आपको खुशी देगा और इस बात की पुष्टि भी करेगा कि आपका गार्डन सही बना है। इनके स्वागत के लिए पीने के पानी के सुंदर से बर्तन अवश्य सजाएं। ये बातें जरूर ध्यान रखें

सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके घर की छत मजबूत हो और वह गार्डन का लोड ले सके।

छत पर ऐसी ढलान होनी आवश्यक है, जिससे पानी की निकासी हो सके।

स्थायी टैरेस गार्डन बनाने के लिए छत पर सेवन लेयर्स की वॉटर प्रूफिंग किसी विशेषज्ञ से करवानी चाहिए।

अधिक धूप से पौधों को बचाने के लिए ग्रीन हाउस बनाएं।

टैरेस गार्डन बनाते समय अपनी कल्पनाशक्ति का भरपूर उपयोग करें और इनमें पौधों, फूलों और पत्थरों का भी खूबसूरत संयोजन करें।

टैरेस गार्डन: इस शौक का अंदाजे बयां और
सुबोध भारतीय
First Published:14-02-11 02:01 PM
Last Updated:14-02-11 02:04 PM
ई-मेल Image Loadingप्रिंट टिप्पणियॉ: Image Loadingपढे Image Loadingलिखे (0) अ+ अ-

अपने घर की बालकनी में बैठकर चाय पीने का मजा ही कुछ और होता है। और अगर ऐसे में आपकी छत या बालकनी पर टैरेस गार्डन बना हो तो उन चुस्कियों का मजा ही दूना हो जाएगा। तो क्यों न हम अपनी छत या बालकनी पर एक ऐसा टैरेस गार्डन बनाएं, जिससे हम चाय की चुस्कियों के साथ-साथ प्रकृति का भी आनन्द ले सकें। बस जरूरत है अपनी कल्पना शक्ति की। वैसे भी अगर आप हरियाली से दूर हैं तो अपनी छत या बालकनी को टैरेस गार्डन का रूप दे सकते हैं। कैसे, आइये एक नजर डालते हैं

टैरेस गार्डन यानी छत पर हरियाली। टैरेस गार्डन बनाने के लिए छत पर घास उगाना जरूरी नहीं। छत के फर्श की अच्छी वॉटर प्रूफिंग करवाने के बाद किसी भी आकार की छत या उसके हिस्से को आसानी से टैरेस गार्डन का रूप दिया जा सकता है। यदि आपकी बालकनी चार-पांच सौ वर्ग फुट की है तो उसे भी टैरेस गार्डन के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।

आसान तरीका

छत पर गार्डन बनाने के लिए आप छत के चारों ओर पैरागोल बनवाएं। इसमें एक स्टील का ढांचा होता है, जिसमें लटकने वाले गमले लटका दिये जाते हैं। यह गमले बास्केट टाइप के होते हैं। इन बास्केट्स में जेड, बटन कैक्टस के अलावा अन्य लटकने वाले पौधे भी उगाए जाते हैं। इससे छत के चारों ओर हरियाली हो जाएगी। पैरागोल के ऊपर हरे रंग का प्लास्टिक का मेश (जाली) बिछाने से ग्रीन हाउस तैयार हो जाएगा। नीचे फर्श पर इनडोर प्लांट्स के गमले लगाने चाहिए। इनमें कछुए, मेंढक, हाथी आदि के आकार के मिट्टी के गमले लगा देने से सुंदरता बढ़ जाएगी। दीवार पर कुछ रॉट आयरन के स्टैण्ड्स व हुक भी लगाए जा सकते हैं, जिनमें छोटे-छोटे गमले लटकाए जा सकते हैं।

फर्श पर सेरेमिक, ग्रेनाइट्स व गजीबो लगा कर बेहतरीन लुक दिया जा सकता है। जिन लोगों को लैंड- स्केपिंग अच्छी लगती है और कृत्रिम झरने आदि लगाना चाहते हैं, वह एक अच्छे लैंडस्केपिंग आर्किटेक्स से यह कार्य करवा सकते हैं। इसमें फाउंटेन और मूर्तियों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

स्थायी रूप

स्थायी रूप से टैरेस गार्डन बनाने की प्लानिंग आपको घर के निर्माण के साथ ही करनी होगी, क्योंकि इसकी छत जिस पर गार्डन का आधार बनाया जाएगा, बहुत मजबूत और इस योग्य होनी चाहिए कि वह लोड ले सके। पानी की निकासी के लिए ढलान भी होनी आवश्यक है। स्थायी टैरेस गार्डन में फर्श पर घास भी उगाई जा सकती है। प्रसिद्ध लैंडस्केपिंग आर्किटेक्ट दिनेश भारद्वाज के अनुसार, स्थाई टैरेस गार्डन बनाते समय सबसे जरूरी वॉटर प्रूफिंग है। टैरेस गार्डन के फर्श की सात लेयर वॉटरप्रूफिंग टीटमेंट होती है। वॉटर प्रूफिंग वाली छत के निर्माण के दौरान ही वॉटर ड्रेनेज सिस्टम बना लिया जाता है, जिससे कभी भी फर्श में पानी न रुके।

एक बार वॉटर प्रूफिंग होने के बाद आप उस पर मिट्टी डाल कर घास उगा सकते हैं और छोटे-छोटे पौधे भी। कुछ लोग बोन्साई पेड़ भी उगाते हैं, जिन्हें कई वास्तुशास्त्री उचित नहीं मानते। जापानी व चाइना शैली में टपोरी प्लांट भी उगाए जा सकते हैं। हरा बांस, डांसिंग और गोल्डन बैम्बू व फाइकस टैरेस गार्डन में अक्सर लगाए जाते हैं।

आपके टैरेस गार्डन में हरियाली तो छा गई, मगर बहार आएगी फूलों के रंगों से। गेंदा, गुलाब, गुलदाऊदी आदि फूलों की रंगीन छटा गार्डन की सुन्दरता कई गुना बढ़ा देगी। इसी प्रकार चम्पा, चमेली, जूही और मौलसिरी की लताएं टैरेस गार्डन को सम्पूर्णता प्रदान करती हैं।

लाइटिंग

टैरेस गार्डन में लाइटिंग का भी बहुत बड़ा योगदान है। शाम के धुंधलके के साथ जब रात जवान होती है तो रोशनी का खूबसूरत संयोजन माहौल को और भी खुशनुमा बना देता है। प्लास्टिक, वुड और रॉट आयरन का गार्डन फर्नीचर टैरेस गार्डन का अभिन्न अंग है। इसका चयन अपनी अभिरुचि के अनुसार करें। पीने-पिलाने के शौकीन अपना एक छोटा सा बार भी यहीं बना सकते हैं।

आपका टैरेस गार्डन कितना सुंदर है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपके मेहमान आपके ड्राइंग रूम में बैठना पसंद करते हैं अथवा आपके टैरेस गार्डन में बैठने का हठ करते हैं। वैसे कभी-कभार बिन बुलाए मेहमानों जैसे तोता, मोर आदि का आगमन भी आपको खुशी देगा और इस बात की पुष्टि भी करेगा कि आपका गार्डन सही बना है। इनके स्वागत के लिए पीने के पानी के सुंदर से बर्तन अवश्य सजाएं। ये बातें जरूर ध्यान रखें

सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके घर की छत मजबूत हो और वह गार्डन का लोड ले सके।

छत पर ऐसी ढलान होनी आवश्यक है, जिससे पानी की निकासी हो सके।

स्थायी टैरेस गार्डन बनाने के लिए छत पर सेवन लेयर्स की वॉटर प्रूफिंग किसी विशेषज्ञ से करवानी चाहिए।

अधिक धूप से पौधों को बचाने के लिए ग्रीन हाउस बनाएं।

टैरेस गार्डन बनाते समय अपनी कल्पनाशक्ति का भरपूर उपयोग करें और इनमें पौधों, फूलों और पत्थरों का भी खूबसूरत संयोजन करें।