Thursday, October 21, 2010

छोड़ो मस्ती दिखाओ चुस्ती
सुबोध भारतीय
First Published:20-10-10 02:05 PM
Last Updated:20-10-10 02:05 PM
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भरपूर मस्ती, स्कूल से छुट्टी और हर ओर बस खेल की चर्चा। कितना अच्छा वक्त था ना! न सुबह-सुबह वक्त पर स्कूल पहुंचने की टेंशन और न ही स्कूल के बाद टय़ूशन जाने की भागमभाग। पर, अब बहुत हो गई मौज-मस्ती। स्कूल खुल गए हैं और फिर से लौट आया है वही पुराना टाइम-टेबल। अब टाइम-टेबल को फॉलो करना है, स्कूल से लेकर खेल के मैदान तक अव्वल आना है, तो हेल्दी रहना भी तो जरूरी है ना! हेल्दी रहना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। किसी को डेंगू हो रहा है, तो किसी को चिकनगुनिया। साथ में बदलते मौसम की मार। तुम हेल्दी रहो, यह सिर्फ पेरेंट्स की ही जिम्मेदारी नहीं है। कैसे मौज-मस्ती के साथ चुस्त और हेल्दी भी रहा जा सकता है, बता रहे हैं सुबोध भारतीय

कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म हो गए और साथ ही खत्म हो गईं दशहरे की लंबी छुट्टियां। इस बार छुट्टियों में बच्चों को धमाल मचाने का शानदार मौका मिला। जिन्हें स्पोर्ट्स में रुचि थी, वे खेल देखने जा सकते थे और जिनके पेरेंट्स इन लंबी छुट्टियों में घर से निकलना चाहते थे, उन्हें मिला सैर-सपाटे के लिए दूर-दराज के इलाकों में जाने का मौका। बच्चों के तो मानो दोनों हाथों में लड्डू थे। पढ़ाई से तो मानो नाता ही टूट गया था और हर तरफ बस धमा-चौकड़ी, मौज-मस्ती और खाना-पीना था। मगर जैसे हर अच्छी चीज का अंत होता है, इन छुट्टियों का भी अंत हुआ और बच्चों की वही दुनिया शुरू हो गई, सुबह 6 बजे से।

पर, अब आपको एक चीज का ख्याल रखना होगा-बदलते मौसम का। दिन छोटे होने लगे हैं और रातें बड़ी। दिन में गरमी लगती है और रात को पंखा भी धीमा करना पड़ता है। मच्छरों की तो न जाने कितनी किस्में पैदा हो गई हैं। हर रोज डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल फीवर के केस सुनने को मिल रहे हैं और सबसे चिंता की बात यह है कि बच्चे भी इन रोगों के शिकार हो रहे हैं। अगर थोड़ी-सी सावधानी बरती जाए तो इन रोगों से और मच्छरों से बचा जा सकता है।

टी-शर्ट और निक्कर पहनना किस बच्चे को अच्छा नहीं लगता? मगर मच्छरों को भी यह अच्छा लगता है और वह आसानी से उन बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं, जो ऐसे कपड़े पहनते हैं। डेंगू, चिकनगुनिया आदि रोग मच्छरों के काटने से ही होते हैं। खेलकर आने के बाद पसीने से भीगे हुए बच्चे अभी भी फ्रिज का ठंडा पानी पीकर अपना गला खराब कर लेते हैं। गला खराब होता है और फिर फीवर की बारी आती है और उसके बाद हो जाती है स्कूल से अनचाही छुट्टी। इतनी लंबी छुट्टियों के बाद दोबारा छुट्टी करने का मतलब-क्लास में पीछे रह जाना और पढ़ाई का नुकसान।

प्रसिद्ध होम्योपैथी डॉक्टर अनीता यादव का कहना है- ‘इन दिनों दिन और रात के तापमान में काफी अंतर आ चुका है। खांसी, जुकाम और एलर्जी की शिकायतें बच्चों में कॉमन हो गई हैं। इसका कारण है हमारे शरीर में इन दिनों विटामिन-सी की कमी हो जाती है। इसलिए इन दिनों में बच्चों को नींबू-पानी, मौसमी, संतरा आदि निरंतर लेना चाहिए, जो विटामिन-सी के सबसे अच्छे स्नोत हैं। विटामिन सी से आपकी त्वचा भी हेल्दी रहेगी।

हेल्दी लाइफ के लिए हेल्दी खाना

मौसम चाहे कोई भी हो, हेल्दी रहने और बीमारियों से दूर रहने के लिए अच्छा और पौष्टिक खाने से बेहतर कोई और उपाय नहीं है। कभी-कभार पित्जा-बर्गर खाना ठीक है, पर इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए ऐसी डाइट लें जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सके। तभी तो तुम हेल्दी रहोगे और हर फील्ड में आओगे अव्वल।

आजकल के बच्चे स्मार्ट भी हैं और अपनी हेल्थ का ख्याल भी रखना जानते हैं। इन टिप्स को अपनाने से आप हेल्दी रह सकते हैं।

बदलते मौसम को देखते हुए फ्रिज का ठंडा पानी पीना एकदम छोड़ दें और घर के एसी को अगली गर्मियों तक की छुट्टी दे दें।

मच्छर इन दिनों आतंकवादी बन गए हैं और इस मौसम में सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं। इनसे बचने के लिए कोशिश करें कि पूरी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें। यदि ऐसा करना संभव न हो तो मच्छरों से बचाने वाली क्रीम को खुले अंगों पर लगा लें।

शाम 5 से 6 बजे के बीच मच्छर घरों में घुस जाते हैं। इस दौरान घर का कोई भी दरवाजा-खिड़की खुला ना रखें।

कम-से-कम एक महीने के लिए आउटडोर गेम्स को छोड़ दें, मच्छरों से बचाव रहेगा। बदलते मौसम के असर से भी बचेंगे।

इस मौसम में भूख बढ़ जाती है, मगर इसका मतलब यह नहीं कि जंक फूड जैसे पित्जा, बर्गर या समोसा ही खाया जाए। हेल्दी और पोषक तत्त्वों से भरपूर खाना खाएं।

अब आखिर में एक मजेदार बात-आजकल सुबह का मौसम सबसे खुशगवार है। जो बच्चे मॉर्निग वॉक या एक्सरसाइज शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए इससे बढ़िया मौसम कोई नहीं हो सकता। सुबह या शाम किसी भी समय एक्सरसाइज और वॉक करने का सुहाना मौसम है ये।

(यह लेख दैनिक हिंदुस्तान में २१ अक्टूबर को प्रकाशित हुआ है)

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