Monday, November 15, 2010

ईको फ्रैंडली फर्नीचर भा जाए, छा जाए
सुबोध भारतीय
First Published:15-11-10 05:15 PM
Last Updated:15-11-10 05:15 PM
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देखा जाए तो ज्यादातर घरेलू फर्नीचर के निर्माण में लकड़ी का ही प्रयोग किया जाता है, जो सीधे-सीधे पर्यावरण को क्षति पहुंचाता है। इसके निर्माण में मशीनों का प्रयोग और इसकी पॉलिश आदि में जिन-जिन रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, वे और भी पर्यावरण विरोधी हैं। इसलिए अब जागरूक व्यक्ति ईको फ्रैंडली फर्नीचर का चयन करके पर्यावरण-रक्षा में सहयोग दे रहे हैं।

क्या है ईको फ्रैंडली फर्नीचर
ऐसा फर्नीचर - जिसके निर्माण के लिए पेड़ों को न काटा जाए, ऐसे कैमिकल इस्तेमाल न किए जाएं, जो टॉक्सिक हैं और ऐसे पदार्थो का प्रयोग किया जाए, जो री-साइकल किए जा सकते हों- ईको फ्रैंडली फर्नीचर कहलाता है।

औद्योगिक और घरेलू वेस्ट को री-साइकल करके ईको फ्रैंडली फर्नीचर बनाया जाता है। केन, बांस और सरकंडे का उपयोग करके सुन्दर फर्नीचर बनाया जा रहा है, जो कहीं भी पर्यावरण को क्षति नहीं पहुंचाता। इनका उत्पादन प्रकृति बहुत बड़ी मात्र में और तेजी से करती है। असम, नागालैंड और उत्तराखंड में केन, बांस और सरकंडों की फसल भारी मात्र में होती है और यह वहां के लाखों लोगों की जीविका का साधन भी है। इस्पात, ग्लास, स्टोन और प्लास्टिक वो मैटीरियल हैं, जो आसानी से री-साइकल किए जा सकते हैं।

कैसे करें इनका चयन
अब बाजार में ईको-फ्रैंडली फर्नीचर आसानी से उपलब्ध है। फर्नीचर में वुड का जो भी विकल्प है, वह पर्यावरण रक्षक है-मसलन एमडीएफ (मीडियम डेंसिटी फाइबर बोर्ड) देखने में एकदम लकड़ी जैसा लगता है, बल्कि उसकी फिनिश लकड़ी से भी अच्छी होती है। कम्प्यूटर टेबल से लेकर सम्पूर्ण किचन तक एमडीएफ से बनाई जा रही हैं। यह विविध रंगों और आकार में उपलब्ध है। इसमें पॉलिश की भी जरूरत नहीं पड़ती। बाजार में इसकी बेशुमार वैरायटी उपलब्ध है।

इसी प्रकार बेंत, बांस और सरकंडे से बना फर्नीचर भारतीय संस्कृति में हमेशा रचा-बसा रहा है और इसका निर्माण भी गांव-देहातों में ही किया जाता था। मगर पिछले एक-दो दशकों से शहरों में इस प्रकार का फर्नीचर आसानी से मिलने लगा है। केन फर्नीचरकी वैरायटी ड्राइंग रूम के सोफा सेट, सेंटर टेबल से लेकर बैडरूम फर्नीचर तक उपलब्ध है। इस फर्नीचर की पॉलिश में ऐसे किसी भी कैमिकल या पेंट का इस्तेमाल प्राय: नहीं किया जाता, जो पर्यावरण को दूषित करे। बल्कि केन और बैम्बू फर्नीचर की पॉलिश-पेंट आप स्वयं भी कर सकते हैं। यह फर्नीचर परंपरागत व मॉडर्न दोनों प्रकार के डिजाइनों में उपलब्ध है। फर्नीचर के अतिरिक्त इनसे मैचिंग लैम्प शेड्स, झूमर, वॉल हैंगिंग आदि एक्सेसरीज भी आसानी से मिल जाती हैं।

रॉट आयरन का फर्नीचर भी ईको फ्रैंडली है, क्योंकि यह री-साइकल किया जा सकता है। केन और रॉट आयरन का कॉम्बिनेशन फर्नीचर को एक नई खूबसूरती तो देता ही है, टिकाऊ और मजबूत भी बना देता है। इसमें स्टोन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

बाजार में अब रॉट आयरन, बेंत, बांस और स्टोन से बना विदेशी फर्नीचर भी आ गया है, जिसकी खूबसूरती और फिनिश लाजवाब है। दाम भी ज्यादा नहीं, अफोर्डेबल हैं। चीन, मलेशिया और इंडोनेशिया ऐसे देश हैं, जिनका ईको फर्नीचर जग प्रसिद्ध है।

ईको-फर्नीचर के साथ जूट फैब्रिक या जूट मैट्स का कॉम्बिनेशन आपके ड्राइंग रूम के ईको-फ्रैंडली लुक में चार चांद लगा देगा। इसी प्रकार सोफे की सीट की बुनाई में जूट की रस्सी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कहां मिलते हैं ये फर्नीचर
-क्राफ्ट म्यूजियम, प्रगति मैदान, भैरों मार्ग, नई दिल्ली
-हैंडीक्राफ्ट एम्पोरियम, जनपथ, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली
-सभी राज्यों के एम्पोरियम, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली
-पुल मिठाई, आजाद मार्केट, दिल्ली (केन फर्नीचर की होलसेल मार्केट है)
-कीर्ति नगर (विदेशी ईको-फ्रैंडली फर्नीचर के लिए)

लाभ
-ईको फ्रैंडली फर्नीचर लकड़ी के फर्नीचर की तुलना में सस्ते हैं।
-इनके निर्माण की प्रक्रिया सरल है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती।
-ये वजन में हल्के होते हैं और आसानी से इन्हें पुनव्र्यवस्थित किया जा सकता है।
-इनकी मेंटेनेन्स आसान है और हर साल पॉलिश करवाने की जरूरत नहीं होती।
-परंपरागत और मॉडर्न दोनों प्रकार के डिजायनों में इनकी वैरायटी उपलब्ध है-होम इंटीरियर के लिए भी और आउटडोर गार्डन तथा लॉबी के लिए भी।
-सस्ते होने की वजह से इस फर्नीचर को बदलना जेब और दिल को तकलीफ नहीं देता।
-चार पांच साल में इसे बदल कर आप अपने घर को एक नया लुक दे सकते हैं।

साज-संभाल
-ईको फ्रैंडली फर्नीचर की यदि हर रोज झाड़-पोंछ की जाए तो यह सदा नया जैसा दिखेगा।
-ये वजन में हल्का होता है और इसलिए इसे समय-समय पर री-अरेंज करके ड्राइंग रूम की लुक बदल सकते हैं।
-टैराकोटा के गमलों में इंडोर प्लांट के साथ इस फर्नीचर का संयोजन घर के ईको फ्रैंन्डली लुक में चार चांद लगा देगा।
-केन और बांस के फर्नीचर को आप अपनी पसंद अनुसार डिजाइन भी करवा सकते हैं। इसके लिए होल सेल मार्केट जाएं।
-इन्हें टिकाऊ और मजबूत बनाने के लिए केन के साथ रॉट आयरन और स्टोन का भी इस्तेमाल करें।

(यह लेख हिंदुस्तान दैनिक के १६ नवम्बर के अंक में प्रकाशित हुआ है)

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